A short letter to my dearest Father
पुनर जन्म अगर होता है तो पिछले जन्म में ज़रूर कोई अच्छे कर्म किये होंगे मैंने जो इस जन्म में आप मेरे पिता हैं। मेरे उम्र के बहुतों को मैंने अपने पिता के बारे में गलत कहते सुना है। वो कहते हैं के काश मेरे पिता मुझे समझ पाते, काश वो अच्छे पिता होते। मैं उम्मीद करता हूँ के ऐसे बेटे आगे चल के अच्छे पिता बने। मुझे ये कभी समझ नहीं आया के जो खुद को नहीं समझ पाते वो कैसे उम्मीद करते हैं के कोई दूसरा उन्हें समझे? अगर उनके पिता उन्हें समझने में लग जाये या अपनी पत्नी को हमेशा यात्रा कराने और उनके साथ सबकी शादी और जन्म दिन या कोई पार्टीज में जाने लगे तो फिर उन बच्चों की स्कूल और कॉलेज की फीस कौन देगा? उन्हें पॉकेट मनी कौन देगा? मोबाइल फ़ोन और बाइक कौन देगा। मेरा ये मानना है के ज़्यादातर लोग जो कामयाब होतो है उनका परिवार उन्हें गलत समझता है और कुछ रिश्तेदार तो जलते हैं क्यों के जो उन्होंने हासिल किया येलोग नही कर पाए। दुनिया सच मे बड़ी अजीब हैं ना? जो भी अपने पिता को गलत समझता है पहले वो खुद कितना सही है ये देख लें। अगर खुद में गलती नहीं दिखी तब तो वो बहुत ही अच्